Women offering Arghya to the Sun during Chhath Puja 2025

Chhath Puja 2025 | छठ पूजा 2025: इस साल सूर्य देव देंगे दोगुना आशीर्वाद, जानिए कैसे!

Table of index

  • छठ पूजा क्या है?
  • 2025 में छठ पूजा कब है?
  • छठ मुहूर्त कब है?
  • छठ का पौराणिक महत्व
  • छठ पूजा विधि क्या है?
  • FAQ :
  • छठ माता कौन है?
  • बिहार में छठ पूजा क्यों मनाई जाती है?
  • छठ व्रत करने से क्या लाभ होता है?
  • छठ माता के व्रत में क्या खाना चाहिए?
  • क्या छठ माता के व्रत में पानी पी सकते हैं?

छठ पूजा क्या है | what is chhath puja

छठ पूजा हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है छठ पूजा को डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है इस दिन भगवान सूर्य और छठ माता की पूजा की जाती है यह त्योहार भारत के कई हिस्सों में जैसे बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश असम और उड़ीसा में बड़े ही हरसोलस के साथ मनाया जाता है शास्त्रों के अनुसार छठ पूजा शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है इस दिन छठ माता को आर्ग दिया जाता है और सप्तमी तिथि को समाप्त होती है इस दिन सूर्य देव और छठ माता की पूजा की जाती है और छठी माँ की पूजा के रूप में भी जाना जाता है ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्य की पूजा करके इस की शुरुआत की थी क्योंकि कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे यह पर्व लोक आस्था का पर्व है

छठ पूजा 2025 कब है | Chhath puja 2025 kab hai

Date 25 अक्टूबर 2025 [सोमवार] छठ पूजा के दिन सूर्याोदय का समय- प्रात: 6 बजकर 29 मिनट छठ पूजा के दिन सूर्यास्त का समय- शाम 5 बजकर 52 मिनट
छठ पूजा 2025 की तारीखें छठ पूजा का दिन 1 (नहाय खाय): 25 अक्टूबर 2025 छठ पूजा का दिन 2 (खरना): 26 अक्टूबर 2025 छठ पूजा का दिन 3 (संध्या अर्घ्य): 27 अक्टूबर 2025 छठ पूजा का दिन 4 (सुबह अर्घ्य ): 28 अक्टूबर 2025

छठ का पौराणिक महत्व | Chhath puja important

छठ पूजा, भारतीय सांस्कृतिक विरासत में एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसका पौराणिक महत्व अत्यंत गहरा है। इस पर्व का विशेष महत्व महाभारत में एक कथा के रूप में मिलता है महाभारत के अनुसार, छठी माँ अष्टछाया की संज्ञा से जानी जाती है, जिन्होंने भगवान सूर्य की आराधना करने के लिए तपस्या की थी। उनकी भक्ति और तपस्या ने सूर्य देव को प्रसन्न किया और उन्हें अद्वितीय वरदान प्राप्त हुआ। इसके बाद से ही छठ पूजा का आयोजन हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी से सप्तमी तिथि तक होता है। यह पौराणिक कथा छठ पूजा को महत्वपूर्ण बनाती है, और लोग इसे भक्ति भाव से मनाते हैं,

छठ माता पूजा विधि | Chhath Puja Vidhi

छठ पूजा की विधि विशेषत: सुन्दर और अनुपम है। इस पूजा का आयोजन करने के लिए कुछ आवश्यक तैयारियों की जरूरत होती है जो निम्नलिखित हैं:

घाट स्थापना: पहले दिन कोई व्रती विशेष रूप से एक सुंदर घाट बनाता है, जिसे छठ कोठी या छठ घाट कहा जाता है। यह घाट सूर्योदय के समय स्थापित किया जाता है और इसे नींव पर रखा जाता है

खाया-पानी की विधि व्रती खाया-पानी की विधि का ध्यान रखते हैं और शुद्धता का ध्यान रखते हैं। वे शुद्ध धार्मिकता और विशेष प्रकार के आहार का सेवन करते हैं।

छठ व्रत कथा: छठ माता की कथा का पाठ किया जाता है, जिसमें छठ माता के उत्साही भक्त उनकी महिमा और कल्याणकारी शक्तियों की महत्वपूर्ण बातें सुनते हैं

अर्घ्य और प्रार्थना: सूर्योदय के समय व्रती अर्घ्य अर्पित करते हैं और सूर्य देव की पूजा करते हैं। इसके बाद, उन्होंने समुद्र के किनारे जाकर छठी माता को अर्घ्य अर्पित करते हैं

खाद्य सामग्री की तैयारी: इस दिन व्रती विशेष रूप से तैयार की गई खाद्य सामग्री का सेवन करते हैं, जिसमें गुड़, दूध, चावल, मिठा आटा, और फल शामिल होते हैं

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छठ माँ कौन है? | Who is Chhath Maa?

छठ माँ, एक प्रमुख हिन्दू देवी हैं जो सूर्य की पुत्री और सूर्य पूजा की रानी कहलाती हैं। छठ पूजा का आयोजन सूर्य देव की पूजा के लिए किया जाता है और इसे मुख्यत: बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, और नेपाल में विशेष रूप से मनाया जाता है

छठ माँ को अष्टछाया और दीपन्करिनी भी कहा जाता है। उनके वाहन के रूप में कुँवर या इंगुली, एक विशेष प्रकार के कछुआ (कछुवा) को माना जाता है। छठ माँ की पूजा मुख्यत: छठ पूजा के दौरान ही की जाती है जिसमें भक्त धरातली में खुद को समर्पित करते हैं और सूर्य देव की आराधना के बाद छठी माँ का व्रत करते हैं। इस पूजा में अनेक प्रकार के परंपरागत गाने गाए जाते हैं और विशेष प्रसाद का तैयारी किया जाता है।

बिहार में छठ पूजा क्यों मनाया जाता है? | Why is Chhath Puja celebrated in Bihar?

बिहार में छठ पूजा एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है जो सूर्य देव की उपासना पर आधारित है छठ पूजा को बिहार में विशेष भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है क्योंकि इसे राज्य के सभी क्षेत्रों में बड़े धूमधाम से आयोजित किया जाता है छठ पूजा का आयोजन बिहार में उसकी महत्वपूर्णता के कारण किया जाता है, जिसमें व्यक्ति अपने श्रद्धाभावना और भक्ति से सूर्य देव की पूजा करते हैं और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना करते हैं

छठ पूजा चार दिनों तक चलती है छठ पूजा में महिलाएं अपने लिए छठी मैया से सूर्य जैसा प्रतापी और यश को प्राप्त करने बाली संतान की प्रताप की प्रार्थना करती हैं छठ का पर्व बिहार का सबसे प्रचलित त्यौहार है यह मुख्य रूप से बिहार वासियों का पर्व है इस पर्व की शुरुआत अंगराज कर्ण से मानी जाती है अंगराज कर्ण प्रदेश वर्तमान में भागलपुर में है जो बिहार में स्थित है अंगराज कर्ण के विषय में कथा है कि यह पांडवों की माता कुंती और सूर्य देव की संतान है कर्ण अपने आराध्य सूर्य को मानते थे अपने राजा की सूर्य भक्ति से प्रभावित होकर अंगराज देश के निवासी सूर्य देव की पूजा उपासना करने लगे धीरे-धीरे सूर्य पूजा का विस्तार पूरे बिहार और पूर्वांचल क्षेत्र में हो गया

लड़कियां उप छठ का व्रत क्यों करती हैं | Why do girls keep fast on Up Chhath?

हाँ, लड़कियां बिलकुल छठ पूजा कर सकती हैं छठ पूजा सम्पूर्ण परिवार के सदस्यों, शामिल होने के लिए एक सामाजिक और सांस्कृतिक अवसर है, और इसे लड़कियां भी धूमधाम से मना सकती हैं। यह पूजा सूर्य देव की उपासना पर आधारित है, जिसमें समृद्धि और सौभाग्य की कामना की जाती है। लड़कियां छठ पूजा में भक्ति भाव से भाग लेती हैं, व्रत रखती हैं, और सूर्य देव की आराधना करती हैं, जिससे उन्हें भी सौभाग्य, समृद्धि और आनंद की प्राप्ति होती है

लड़कियां उप छठ का व्रत क्यों करती है? | Why do girls keep fast on Up Chhath?

लड़कियां उपछठ का व्रत रखने का कारण है उनकी श्रद्धांजलि और सूर्य देव के प्रति उनकी भक्ति। जिसमें वे अपने परिवार के साथ समर्पित होती हैं और सूर्य देव के प्रति आदर व्यक्त करती हैं। छठ पूजा उनके जीवन में समृद्धि और सौभाग्य की कामना करती है और इसके माध्यम से वे अपने प्रियजनों के लिए भी आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। और उसे एक सांस्कृतिक साझा बनाए रखने का संदेश देती हैं

छठ व्रत करने से क्या लाभ मिलता है | What are the benefits of observing Chhath fast?

छठ माता का व्रत करने से हमें संतान सुख की प्राप्ति होती है सौभाग्यवती स्त्री का सौभाग्यअखंड रहता है छठ मैया की पूजा करने से और सूर्य देवता की पूजा करने से धन दौलत सम्मान प्रतिष्ठा और सारे रोगों से मुक्ति मिलती है छठ माता और सूर्य देव की कृपा से घर में सुख समृद्धि और धन की वर्षा होती है और ऐसा भी माना जाता है कि छठ माता का व्रत करने से स्त्री को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है

छठ माता के व्रत में क्या खाना चाहिए | What should be eaten during Chhath Mata fast?

छठ माता के व्रत में हम कई चीजे खा सकते हैं जैसे आलू का हलवा नमकीन आलू तले हुए आलू लौकी की खीर साबूदाने की खीर साबूदाने की खिचड़ी मखाने खीर दूध दही सूखे मेवे फल और कुछ सब्जियों टमाटर वगैर इस तरह की चीज हम इस व्रत में खा सकते हैं

क्या छठ माता के व्रत में पानी पी सकते हैं | Can we drink water during Chhath Mata fast?

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हर व्रत में हम फलाहार कर सकते हैं किंतु कुछ ऐसे व्रत होते हैं जिसमें हम पानी तक नहीं पी सकते किंतु जैसा के हम पहले भी बता चुके हैं कि छठ माता के व्रत में हम फल जूस बगैर है सब खा पी सकते हैं उसी प्रकार हम जल भी ग्रहण कर सकते हैं

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। इसमें प्रस्तुत जानकारी और तथ्यों की सटीकता और संपूर्णता के लिए त्यौहार खोज डॉट कॉम जिम्मेदार नहीं है।