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Lohri 2024: लोहड़ी 2024 में कब हैं, जानें लोहड़ी क्यों मनाई जाती है? पर्व पर आग जलाने का महत्व और पौराणिक कथा

Table of index

  • लोहड़ी पर्व क्या है
  • लोहड़ी पर्व क्यों मनाते हैं
  • लोहड़ी कब है
  • लोहड़ी पर्व का महत्व
  • लोहड़ी पर्व को कैसे मनाया जाता है
  • लोहड़ी पर किसकी पूजा की जाती है
  • लोहड़ी पर्व पर आग जलाने का महत्व
  • लोहड़ी पर्व की पौराणिक कथा
  • लोहड़ी पर्व पूजा विधि

लोहड़ी पर्व क्या है | what is lohri festival

भारतीय सांस्कृतिक कैलेंडर में, लोहड़ी पर्व एक बहुत ही धार्मिक और सामाजिक उत्सव है। यह पंजाब और हरियाणा क्षेत्रों में सबसे अधिक धूमधाम से मनाया जाता है और साथ ही दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में भी बड़े हर्षोल्लास से इसे मनाया जाता है लोग आपस में मिलकर बैलगाड़ी में चक्कर काटते हैं और रात को आग के चारों ओर बैठकर गाते-गाते अपनी खुशियां बांटते हैं। इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य समृद्धि और खुशियों की प्राप्ति करना है

लोहड़ी पर्व क्यों मनाते हैं | Why celebrate Lohri festival

लोहड़ी का पारंपरिक तौर पर फसल की कटाई और नई फसल के बुवाई से जुड़ा है लोहड़ी कीअग्नि में रवि की फसल के तौर पर तिल रेवाड़ी मूंग दाल गुड आदि चीज अर्पित की जाती हैं मान्यताओं के अनुसार इस तरह सूर्य देवव अग्नि देव के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है कि इसकी कृपा से फसल अच्छी होती है और आने वाली फसल में कोई समस्या नहीं होती साथ ही यह त्यौहार पर परिवार में आने वाले नए मेहमान जैसे नई बहू बच्चा पैदा होना इन लोगों के स्वागत के लिए भी जाना जाता है खाने का सही अर्थ है कि नए मेहमान कीआगमन की उपलक्ष में भी यह पर मनाया जाता है इस त्यौहार को मनाने के पीछे पौराणिक कथा भी है जिसके बारे में हम आगे बताएंगे

लोहड़ी कब है 2024 | Lohri 2024 date

तारीख 13 Jan, 2024
दिन शनिवार | Saturday
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लोहड़ी पर्व का महत्व | Importance of Lohri festival

जैसा कि हम सभी जानते हैं लोहड़ी का पर्व फसल से जुड़ा होता है इसीलिए यह पर्व किसानों के लिए अधिक महत्वपूर्ण होता है किसानों के लिए यह पर्व नव वर्ष की तरह होता है इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं परंपराएं जुड़ी हैं इसमें दुल्ला भट्टी की कहानी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है लोहड़ी पर्व में पवित्र अग्नि जलाई जाती है इसके चारों ओर सभी लोग इकट्ठा होते हैं अग्नि की पूजा की जाती है और इसमें पॉपकॉर्न रेवाड़ी मूंग दाल आदि सामग्री चढ़ाई जाती हैं और इसका एक खास महत्व यह भी है कि नव दंपति और नवजात की पहली लोहड़ी बहुत खास होती है यह पर्व पौष मास की अंतिम तिथि को मानते हैं इसका एक खास महत्व यह भी है कि इस दिन वर्ष की सबसे लंबी रात होती है

लोहड़ी पर्व को कैसे मनाया जाता है | How is Lohri festival celebrated?

लोहड़ी का पर्व मकर संक्रांति से एक दिन पूर्व मनाया जाता है इस पर्व को प्रत्येक भारतवासी मानते हैं लेकिन यह पर्व पंजाब व महाराष्ट्र में बहुत खास तरीके से मनाया जाता है इस दिन लोग नाचते ,मंगल लोक गीत गाते हैं और आग जलते हैं वह ढोल नगाड़े के साथ नाचते और लोहड़ी के पर्व की खुशियां मनाते हैं

लोहड़ी पर किसकी पूजा की जाती है

लोहड़ी पर्व लोहड़ी माता की पूजा की जाती है लोहड़ी एक ऐसा त्यौहार है जिसके बारे में सभी जानते हैं और यह कैसे मनाया जाता है इसके पीछे कुछ कहानियां और कथाएं जुड़ी हैं किंतु बहुत से लोगों को यह ज्ञात नहीं होगा कि इस पर्व पर किसकी पूजा की जाती है इस पर्व पर माता लोहड़ी की पूजा की जाती है क्योंकि यह पर्व पूरी तरह से फसल पर आधारित होता है इसलिए इस पर्व पर हम लोहड़ी माता की पूजा करते हैं ताकि हमारी फसलअच्छी हो और माता लोहड़ी हम सब पर अपनी कृपा बनाए रखें यही कारण है कि इस पर्व पर हम माता लोहड़ी की पूजा करते हैं

लोहड़ी पर्व पर आग जलाने का महत्व | Importance of lighting fire on Lohri festival

हर साल पौष मास के अंतिम दिन लोहड़ी का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है और मान्यताओं के अनुसार लोहड़ी की आज की परंपरा माता सती से जुड़ी है जब राजा दक्ष ने महायज्ञ का अनुष्ठान किया था तब उन्होंने सभी देवताओं को बुलाया था किंतु शिवजी और माता सती को आमंत्रित नहीं किया था फिर भी माता सती महायज्ञ में पहुंची लेकिन उनके पिता दक्ष ने भगवान शिव की बहुत निंदा की इससे आहत होकर सती ने अग्नि कुंड में अपनी देहात त्याग दी इसीलिए ऐसा कहा जाता है किअग्नि माता सती के त्याग को समर्पित हैं ऐसा माना जाता है कि तभी से अग्नि जलाने की प्रथम प्रारंभ हुई

लोहड़ी पर्व की पौराणिक कथा | Mythological story of Lohri festival

पौराणिक कथा के अनुसार दुल्ला भट्टी की कहानी जुड़ी है इस पौराणिक कथा के अनुसार दो मुगल काल में अकबर के शासन के समय दुल्ला भट्टी नाम का एक युवक पंजाब में रहता था दुल्ला भट्टी ने पंजाब की लड़कियों कीउसे समय रक्षा की जब लड़कियों को अमीर सौदागरों को बेचा जा रहा था दुल्ला भट्टी ने वहां पहुंचकर लड़कियों को अमीर सौदागरों के चंगुल से चूड़ाकर और उसकी शादी हिंदू लड़कों से करवाई तब से दुल्ला भट्टी को नायक की उपाधि से सम्मानित किया जाने लगा और हर साल लोहड़ी से जुड़ी दुर्लभ भाई की कहानी सुनाई जाने लगी

लोहड़ी पर्व पूजा विधि | Lohri Puja Vidhi

लोहड़ी पर्व की पूजा विधि बहुत सी रिवाजों और परंपराओं से जुड़ी होती है। पूरे परिवार में इस खास मौके पर एकता और उत्साह के साथ पूजा की जाती है। यहां एक सामान्य पूजा विधि दी गई है

  • लोहड़ी जलाने से पहले जहां लोड स्थापित की है वहां पश्चिम दिशा में आदि शक्ति की तस्वीर स्थापित करें
  • लोहड़ी पर भगवान श्री कृष्ण आदि शक्ति औरअग्नि देव की आराधना करें
  • उसके बाद सिंदूर और बेलपत्र अर्पित करें
  • इसके बाद चारो तरफ परिक्रमा करें और भगवान की आराधना करें
  • सभी को गले लग कर लोहड़ी की शुभकमना दे